Sunday 15 June 2014

Lyrics of Ye Duniya Ye Mehfil - ये दुनिया ये महफिल (Heer Ranjha)

चित्रपट नाम: हीर रांझा 
रिहाई साल : १९७०
संगीतकार : मदन मोहन
गीतकार : कैफी आज़मी
गायक : मोहम्मद रफी

ये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं

किसको सुनाऊं हाल दिल-ऐ-बेकरार का
बुझता हुआ चराग हूँ अपने मज़ार का
ऐ काश भूल जाऊं मगर भूलता नहीं
किस धूम से उठा था जनाज़ा बहार का
ये दुनिया ये महफिल..

अपना पता मिले ना ख़बर यार की मिले
दुश्मन को भी ना ऐसी सज़ा प्यार की मिले
उनको खुदा मिले हैं खुदा की जिन्हें हैं तलाश
मुझको बस एक झलक मेरे दिलदार की मिले
ये दुनिया ये महफिल..

सेहरा में आके भी मुझको ठिकाना ना मिला
गम को भुलाने का कोई बहाना ना मिला
दिल तरसे जिसमें प्यार को
क्या समझूँ उस संसार को
इक जीती बाज़ी हार के
मैं ढूँढो बिछड़े यार को
ये दुनिया ये महफिल..

दूर निगाहों से आंसूं बहता है कोई
कैसे ना जाऊँ मैं मुझको बुलाता है कोई
या टूटे दिल को जोड़ दो
या सारे बंधन तोड़ दो
ऐ पर्वत रास्ता दे मुझे
ऐ काँटों दामन छोड़ दो
ये दुनिया ये महफिल..

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