Monday 16 June 2014

Lyrics of Ek Din Bik Jaega - एक दिन बिक जाएगा (Dharam Karam)

चित्रपट नाम : धरम करम 
रिहाई साल : १९७५ 
संगीतकार : आर.डी.बर्मन
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
गायक : मुकेश

इक दिन बिक जाएगा, माटी के मोल
जग में रह जाएंगे, प्यारे तेरे बोल
दूजे के होंठों को, देकर अपने गीत
कोई निशानी छोड़, फिर दुनिया से डोल
इक दिन बिक...

अनहोनी पथ में काँटें लाख बिछाए
होनी तो फिर भी बिछड़ा यार मिलाए
ये बिरहा, ये दूरी, दो पल की मजबूरी
फिर कोई दिलवाला काहे को घबराये
धारा तो बहती है, बहके रहती है
बहती धारा बन जा, फिर दुनिया से डोल
एक दिन बिक...

परदे के पीछे बैठी साँवली गोरी
थाम के तेरे मेरे मन की डोरी
ये डोरी ना छूटे, ये बन्धन ना टूटे
भोर होने वाली है अब रैना है थोड़ी
सर को झुकाए तू, बैठा क्या है यार
गोरी से नैना जोड़, फिर दुनिया से डोल
एक दिन बिक...

Read in English Font

No comments:

Post a Comment