Sunday 23 November 2014

Lyrics of Kar Chale Hum Fida - कर चले हम फिदा (Haqeeqat)

चित्रपट नाम : हक़िकत
रिहाई साल : १९६४ 
संगीतकार : मदन मोहन 
गीतकार : कैफ़ी आज़मी 
गायक : मोहम्मद रफ़ी 

कर चले, हम फिदा जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को ना रुक ने दिया
कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने ना झुक ने दिया
मरते मरते रहा बाँक़पन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों

ज़िंदा रहने के मौसम बहुत है मगर
जान देने की रुत रोज़ आती नहीं
हुस्न और इश्क़ दोनो को रुसवा करे
वो जवानी जो खून में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुल्हन साथियों
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों

राह क़ुर्बानियों की ना वीरान हो
तुम सजाके ही रहना नये काफिले
फते का जश्न इस जश्न के बाद है
ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से कफ़न साथियों
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों

खेंच दो अपने खून से ज़मीन पर लकीर
इस तरफ आने पाए ना रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छूने पाए ना सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम ही लक्ष्मण साथियों
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों

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