Saturday 14 June 2014

Lyrics of Ae Malik Tere Bande Hum - ऐ मालिक तेरे बन्दे हम (Do Ankhe Barah Hath)

चित्रपट नाम :  दो आँखें बारह हाथ
रिहाई साल : १९५७ 
संगीतकार : वसंत देसाई
गीतकार :  भरत व्यास
गायक : लता मंगेशकर


ऐ मालिक तेरे बन्दे हम
ऐसे हों हमारे करम
नेकी पर चलें और बदी से टलें
ताकि हंसते हुए निकले दम

ये अंधेरा घना छा रहा
तेरा इंसान घबरा रहा
हो रहा बेखबर, कुछ न आता नज़र
सुख का सूरज छुपा जा रहा
है तेरी रोशनी में जो दम
तो अमावस को कर दे पूनम
नेकी पर... 

जब ज़ुल्मों का हो सामना
तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करें, हम भलाई भरें
नहीं बदले की हो कामना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम
और मिटे बैर का ये भरम
नेकी पर...

बड़ा कमज़ोर है आदमी
अभी लाखों हैं इसमें कमी
पर तू जो खड़ा, है दयालू बड़ा
तेरी किरपा से धरती थमी
दिया तूने हमें जब जनम
तू ही झेलेगा हम सबके ग़म
नेकी पर...

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