चित्रपट
नाम : ब्लैकमेल
रिहाई
साल : १९७३
संगीतकार : कल्यानजी आनंदजी
गीतकार : राजेन्द्र किशन
गायक : किशोर कुमार
पल पल दिल के पास तुम रहती हो
जीवन मीठी प्यास ये कहती हो
हर शाम आंखों पर तेरा आंचल लहराए
हर रात यादों की बारात ले आए
मैं साँस लेता हूँ तेरी खुशबू आती है
इक महका महका सा पैगाम लाती है
मेरे दिल की धड़कन भी तेरे गीत गाती है
पल पल दिल के...
कल तुझको देखा था मैंने अपने आँगन में
जैसे कह रही थी तुम मुझे बाँध लो बंधन में
ये कैसा रिश्ता है ये कैसे सपने हैं
बेगाने हो कर भी क्यों लगते अपने हैं
मैं सोच में रहता हूँ डर डर के कहता हूँ
पल पल दिल के...
तुम सोचोगी क्यों इतना मैं तुमसे प्यार करुँ
तुम समझोगी दीवाना मैं भी इकरार करुँ
दीवानों की ये बातें दीवाने जानते हैं
जलने में क्या मज़ा है परवाने जानते हैं
तुम यूँ ही जलाते रहना आ आ कर ख़्वाबों में
No comments:
Post a Comment