चित्रपट नाम : अमर प्रेम
रिहाई साल : १९७२
संगीतकार : आर. डी. बर्मन
गीतकार : आनंद बख्शी
गायक : किशोर कुमार
चिंगरी कोई भडके तो सावन उसे बुझए
सावन जो आग लगाये, उसे कौन बुझए, ओ उसे कौन बुझए
पतझड जो बाग लगए, वो बाग बहार खिलाए
ओ उसे कौन खिलए, चिंगरी....
हमसे मत पुछो कैसे, मंदिर टूटा सपनो का
लोगो कि बात नहि है ये किस्सा है अपनो का
कोइ दुश्मन ठेस लगाए, तो मीत जिया बहलाए
मनमीत जो घाव लगाए, उसे कौन मितए
ओ उसे कौन मिटाए, चिंगरी....
न जाने क्या हो जाता, जाने हम क्या कर जाते
पीते हैं तो जिंदा हैं ना पीते तो मर जाते
दुनिया जो प्यासा रखे, तो मदिरा प्यास बुझये
ओ उसे कौन बुझए, चिंगरी....
माना तुफान के आगे नहीं चलता जोर किसी का
मौजो का दोश नहीं है ये दोश है और किसी का
मझधार में नैया डोले तो मांझी पार लगाये
मांझी जो नाव डुबाये, उसे कौन बचाए
ओ उसे कौन बचाए, चिंगरी....
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