चित्रपट नाम : आपकी कसम
रिहाई साल : १९७४
संगीतकार : आर. डी. बर्मन
गीतकार : आनंद बख्शी
गायक : किशोर कुमार
जिंदगी के सफर में गुझर जाते हैं जो मुकाम
वो फिर नही आते-वो फिर नही आते
फूल खिलते हैं, लोग मिलते हैं मगर,
पतझड में जो फूल मुर्झा जाते हैं,
वो बहारो के आने से खिलते नहीं
कुछ लोग इक रोज जो बिछ्ड जाते हैं
वह हजारो के आने से मिलते नहीं
उम्र भर चाहे कोई पुकारा करे, उनका नाम
वो फिर नही आते-वो फिर नही आते
आंख धोखा है, क्या भरोसा है
सुनो दोस्तो, शक दोस्ती का दुश्मन है
अपने दिल में इसे घर बनाने न दो
कल तडपना पडे याद में जिनकी
रोक लो रुठकर उन्को जाने न दो
बाद में प्यार के चाहे भेजो हजारो सलाम
वो फिर नही आते-वो फिर नही आते
सुबह आती है, रात जती है
यू ही वक्त चलता ही रहता है, रुकता नहीं,
एक पल में यह आगे निकल जाता है
आदमी ठीक तरह से देख पाता नहीं
और पर्दे पर झलर बदल जाता है
इक बार चले जाते हैं, जो दिन-रात सुबहो शाम
वो फिर नही आते-वो फिर नही आते
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संगीतकार : आर. डी. बर्मन
गीतकार : आनंद बख्शी
गायक : किशोर कुमार
जिंदगी के सफर में गुझर जाते हैं जो मुकाम
वो फिर नही आते-वो फिर नही आते
फूल खिलते हैं, लोग मिलते हैं मगर,
पतझड में जो फूल मुर्झा जाते हैं,
वो बहारो के आने से खिलते नहीं
कुछ लोग इक रोज जो बिछ्ड जाते हैं
वह हजारो के आने से मिलते नहीं
उम्र भर चाहे कोई पुकारा करे, उनका नाम
वो फिर नही आते-वो फिर नही आते
आंख धोखा है, क्या भरोसा है
सुनो दोस्तो, शक दोस्ती का दुश्मन है
अपने दिल में इसे घर बनाने न दो
कल तडपना पडे याद में जिनकी
रोक लो रुठकर उन्को जाने न दो
बाद में प्यार के चाहे भेजो हजारो सलाम
वो फिर नही आते-वो फिर नही आते
सुबह आती है, रात जती है
यू ही वक्त चलता ही रहता है, रुकता नहीं,
एक पल में यह आगे निकल जाता है
आदमी ठीक तरह से देख पाता नहीं
और पर्दे पर झलर बदल जाता है
इक बार चले जाते हैं, जो दिन-रात सुबहो शाम
वो फिर नही आते-वो फिर नही आते
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