चित्रपट नाम : नमक हराम
रिहाई साल : १९७३
संगीतकार : आर. डी. बर्मन
गीतकार : आनंद बख्शी
गायक : किशोर कुमार
दीए जलते हैं फूल खिलते हैं
बडी मुश्किल से मगर दुनिया में दोस्त मिलते हैं
दीए जलते हैं....
जब जिस वक्त किसी का प्यार जुदा होता है
कुछ न पूछो यरों, दिल का हाल बूरा होता है
दिल पे यादो के जैसे तीर चलते हैं
दीए जलते हैं....
इस रंग रूप पे देखो, हर्गिज नाज न करना
जान भी मांगे यार तो दे देना नाराज न करना
रंग उड जाते हैं रूप ढलते हैं
दीए जलते हैं....
दौलत और जवानी इक दिन खो जती है
सच कहता हूँ सारी दुनिया दुश्मन हो जाती है
उम्र भर दोस्त लेकिन साथ चलते हैं
दीए जलते हैं....
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रिहाई साल : १९७३
संगीतकार : आर. डी. बर्मन
गीतकार : आनंद बख्शी
गायक : किशोर कुमार
दीए जलते हैं फूल खिलते हैं
बडी मुश्किल से मगर दुनिया में दोस्त मिलते हैं
दीए जलते हैं....
जब जिस वक्त किसी का प्यार जुदा होता है
कुछ न पूछो यरों, दिल का हाल बूरा होता है
दिल पे यादो के जैसे तीर चलते हैं
दीए जलते हैं....
इस रंग रूप पे देखो, हर्गिज नाज न करना
जान भी मांगे यार तो दे देना नाराज न करना
रंग उड जाते हैं रूप ढलते हैं
दीए जलते हैं....
दौलत और जवानी इक दिन खो जती है
सच कहता हूँ सारी दुनिया दुश्मन हो जाती है
उम्र भर दोस्त लेकिन साथ चलते हैं
दीए जलते हैं....
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